गुरुवार, 12 सितंबर 2013

सनातन धर्म सर्वाधिक प्राचीन है

सनातन धर्म सर्वाधिक प्राचीन है

असतो मा सदगमय, तमसो मा ज्योर्तिगमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ||
अर्थात हे ईश्वर मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अंधकार से प्रकाश
की ओर ले चलो। मृत्यु से अमृत की ओर ले चलो |
सनातन धर्म ही एक मात्र धर्म है जो सर्वोपरि है सर्वोत्तम है | सनातन
धर्म सर्वाधिक प्राचीन है साथ ही सर्वाधिक वैज्ञानिक कसोटी पर
खरा उतरने वाला धर्म है | जिस समय अंग्रेज संसार के अलग अलग कोनो में
बस्तियां खोज रहा था उस समय सनातन धर्म के पालक
नक्षतों की गरणा कर रहे थे , जिस समय दुनिया में कुरान और बाइबल
लिखी जा रही थी सनातन धर्मी वेदों , पुराणों , धर्म ग्रंथो का अध्यन कर
रहे थे | आयुर्वेद हो या जीरो प्रणाली हम सनातनियों की देन है | जब
अंग्रेजो ने भारत में मैकुले शिक्षा का बीज बोया तब अंग्रेजो के घायल
सैनिक हमारी ही शल्य चिकित्सा का लाभ उठा रहे थे , मैकुले ने अपने
अभिभाषण में एक बार कहा था की एक अंग्रेज अफसर की क्रांतिकारियों ने
नाक काट दी जिसको गाव के एक वैध ने जंगली दवाइयों से बिलकुल पहले
जैसा ही जोड़ दिया |
हम सनातनी परमपिता के द्वारा स्थापित संस्कृति और संस्कारों का पालन
करते
है , केवल सनातन पद्धिति से मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है
इसको हमने प्रमाणित किया है , दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों जैसे , हिमालय
की दुर्गम पर्वत श्रंखला में हम सनातनी बिना सुख सुविधाओं के
हजारो वर्षो से तप करते आये थे और आज भी कई महान
विभूतियाँ हिमालय की गोद में मोक्ष की प्राप्ति के लिए तप करती हुयी दिख
जाती है | अमरनाथ यात्रा हो या कैलाश मानसरोवर यात्रा ,
वैष्णो देवी यात्रा हो या पूर्णागिरी माँ यात्रा या फिर बदरीनाथ , जगन्नाथ
यात्रा | किसी कौम में ऐसे उधारण नहीं मिलते केवल सनातन धर्म और
उंसकी शाखाओं से जुड़े धार्मिक लोग ही ऐसा संभव कर पाए है |
कण कण में हम भगवान् का प्रतिबिम्ब देखते है , बृक्ष , पर्वत ,
नदियों ,वनों को हम ही उचित सम्मान देते है पूजते है | पशु पक्षियों में
भगवान् का वरदान स्वीकार करते है उनको पूजते है |
सनातन धर्मी ही केवल शान्ति से रहते है केवल हम सनातनी भारतवासी व
नेपालवासी ( जो पहले भारतवर्ष का ही अंग था ) है जिसने आज तक अन्य
देश पर दबाब बनाने के लिए उसे अपने अधिकार में लाने के लिए , उसके
नागरिको को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं किया | भले
ही वी देश वो राज्य कितना ही कमजोर क्यों ना हो |
एक सम्मानित इतिहास रहा है हम सनातन धर्मियों का , विश्व का प्रत्येक
राष्ट्र हमारी संस्कृति , सभ्यता का लोहा मानता आया है |
केवल हम सनातनी ही है जो सैकड़ो वर्षो तक मुगलों से लोहा लेते रहे और
उनके भारत को इस्लामिक मुल्क बनाने के मनसूबे पर पेशाब करते रहे |
अन्य कितने ही देश मुगलों के अत्याचार की आंधी में बह गए |
हम सनातनी ही है जिन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ लड़ते हुए कभी अपने लिए
कुछ नहीं माँगा वरना जिन्ना पंथ के मुग़ल कीड़ो ने अपने लिए अलग
इस्लामिक मुल्क मांग लिया |

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