गुरुवार, 5 सितंबर 2013

कश्मीर समस्या

कश्मीर समस्या

इसी प्रकार कश्मीर में क्या समस्या है इसे समझें । मुसलमानो ने भारत का बंटवारा 1947 मे करवाया ।कश्मीरी जनता भी दरअसल1947 में पाकिस्तान में अपने विलय का सपना देखरही थी । परतुं महाराजा हरिसिंह ने उनकी आशाओं के विपरीत भारत के साथ विलय पर हस्ताक्षर कर दिए । मुसलमानों का पाक स्थान ( पाकिस्तान )में रहने का सपना समाप्त हो गया । अब मुसलमान सीधे तो भारतीय सेना से लड़ नहीं सकते थे । अतः उन्होंने कश्मीर को आजाद करने के लिए जिहाद का सहारा 1980 के दशक में लेना प्रारम्भ करदिया। कुरान में लिखा है कि सारी पृथ्वी अल्लाह की है । अब जब सारी पृथ्वी अल्लाह की है तो उसके जायज हकदार तो मुसलमान ही हुए । ( पैगम्बर मुहम्मद ने मदीना के बैतउल मिदरास में बैठे यहूदियों से कहाः ''ओ यहूदियों! सारी पृथ्वी अल्लाह और उसके 'रसूल' की है। यदि तुम इस्लाम स्वीकार कर लो तो तुम रक्षित रह सकोगे।'' मैं तुम्हें इस देश से निकालना चाहता हूँ। इसलिए यदि तुममें से किसी के पास सम्पत्ति है तो उसे इस सम्पत्ति को बेचने की आज्ञा दी जातीहै। वर्ना तुम्हें मालूम होना चाहिए कि सारी पृथ्वी अल्लाह और उसके रसूल की है''। (बुखारी,खंड ४:३९२, खंड ४:३९२, पृ. २५९-२६०, मिश्कत, खंड २:२१७, पृ.४४२)। ) अब मुसलमानों ने कश्मीर में अपनी भूमि छुड़वाने के लिए जिहाद शुरू कर दिया । उनके द्वारा फैलायी गयी हिसां के शिकार वहां के हिन्दू हुए जिन्हे अपना घरबार छोड़कर वहां से भागना पड़ा । इसी हिंसा का शिकार वहां के सुरक्षा बल के कर्मचारी भी हुए । इसी के कारण सेना के जवानों द्वारा वहां क्रोध वकामवासना का शिकार वहां की कुछ मुस्लिम बच्चे व महिलाएं हुई । जिन्हें उनकी प्रत्यक्ष गलती न होने के कारण भी बलात्कार या मृत्यु का शिकार होना पड़ा ( उनकी गलती केवल यह हो सकती है कि वे कुरान को सही मानती हैं इस बात को सही मानती है कि सारी पृथ्वी तो अल्लाह के रसूल की है तो उनसे मिलने वाले सभी मुसलमानों के मनमें सुरक्षा बलों के प्रति अविश्वास की खाई और चौड़ी हो गयी । सुरक्षा बल की इन ज्यादतियों को देखते हुए मदरसेमें पढ़ने वाले बच्चों को व मस्जिद में मुसलमानों को नफरत का पाठ पढ़ायागया जिससे दोनों पक्षों की बीच की दीवारे इतनी चौड़ी हो गयी जिसे सुरक्षा बल द्वारा अपने किसी भी अभियान ( जैसे दवाइयां बांटने या कपड़े या मुसलमानों को किसी भी प्रकार की सहायता देने ) से समाप्त नहीं किया जा सकता ।
आतंकवादी कैसे बनता है ? मानेएक बच्चा जिसकी उम्र 2 साल की है और वह मदरसे में जाना शुरू कर देता है । जहां उसे गैर मुसलमानों को नष्ट करनेसारी दुनिया को इस्लाम में बदलने की शिक्षा दी जाती है । उसे बताया जाता है मूर्ति पूजा अथवा अल्लाह के अलावाकिसी और की पूजा सबसे बड़ा ( हत्या से भी बड़ा अपराध है ) यही बात सोचकर वह बड़ा होता है तो देखता है कि उसके पासजैसे पाकिस्तान या अफगानिस्तान में अमेरिकी फौन निरपराध नागरिकों की हत्या कर रही है। भारत में जन्म लेता है तो देखता है कि उसके भाई बहिनों केसाथ कश्मीर और गुजरात में अत्याचार हो रहें हैं । मुस्लिम औरतों के साथ हिन्दू बहुल भारत में ( गुजरात व कश्मीर ) में बलात्कार किए जा रहे हैं। भारत में रहता है तो देखता है कि कई जगह उसके मुस्लिम होने के कारण उसे संदेह से देखा जाता है । ( यही कारण हैकि अजहरूद्दीन जैसा व्यक्ति जिसे भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान तक बनाया गया यह कहता है कि उसके साथ मुसलमान होने के कारण सट्टेबाजी में फंसाया जा रहा है ) ये सारी बाते उसके दिमाग में विद्रोह को भर देती हैं और वह अपने भाई मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों के विरूद्ध जिहाद के लिए तैयार हो जाता है । वह बेचारा आत्मघाती बन जाता है वह विस्फोट करकेअपने को उड़ा देता है । यही सारी बात हाल ही की फिल्म कुरबान में दिखायी गयी है । वह बेचारा कीट पतंगें की तरहहै जो दीए की लौ में खुद ही भस्म हो जाता है । अब आप स्वयं फैसला करें कि क्या जो कार्य लादेन, हेडली, कसाब, जवाहिरी इत्यादि इस्लाम पीडि़त ( आतंकवादी ) लोग कर रहे है उसे किसी भी तरह से गलत ठहराया जा सकता है ।
सारी दुनिया मे इस्लाम फ़ैलाने के उद्देश्य से ही इस्लाम मेंगर्भ निरोधक को हराम बता दिया है । अबस्वयंविचार करें कि वह औरत जिसके पेटया गोदी में हर समय एक बच्चा हो वहक्या अपने घर के अलावा कुछ और सोचने की स्थिति में होगी ।
मुसलमान सारी दुनिया में वास्तव में सबसे दुखी कौम है । मुसलमान कहते हैं सारी दुनिया इस्लाम को समाप्त करने की साजिश कर रही है । वे ऐसा क्यों कहते हैं वे ऐसा इसीलिए कहते हैं क्योंकि वे खुद सारी गैर मुस्लिम दुनिया को समाप्त करके सारी दुनिया को इस्लाम के हरे रंग में रंगने की तैयारी कर रहे हैं ।चूंकि वे खुद सारी दुनिया के हजार वर्ष से दुश्मन बनें हैं अतः उन्हें सारी दुनिया भी मुसलमानो की दुश्मन नजर आती है । दिया । अब हथियारों का उत्तर किसी भी दुनिया में अंहिसा से नहीं दिया जा सकता अतएव भारत सरकार ने भी मजबूरी में अपनी सेना को कश्मीर में लगाना पड़ा । अब लगातार 25 वर्षों से कश्मीर भारत से केवल सेना के बल पर ही रूका हुआ है अगर आज भारत सरकार कश्मीर से सेना हटा लेती है तो निश्चित रूप से कश्मीरी मुसलमान कश्मीर का पाकिस्तान में विलय कर देंगे ये मुसलमानों की मजबूरी है । कुरान व मौहम्मद के आदेश से मुसलमान इंकार कर नहीं सकते । इसीलिए वह कश्मीरी जिसकी प्रति व्यक्ति आय आतंकवाद के शुरू होने से पहले भारत में सबसे अधिक थी आज हजारों करोड़ की मदद से दाना पानी खा रहे हैं । अब जरा राष्ट्रवादी मुस्लिम की स्थिति पर भी विचार करें वह भारत के लिए सोचता है । कट्टरता सेभी ग्रस्त नहीं है पर जब वह हिन्दुओं का व्यवहार देखता है कि सारे हिन्दू उसे संदेह की नजर से देखते हैं तो उसके दिल पर क्या बीतती होगी यह केवल वही जानता । उसी के दिल की व्यथा को भारतीय फिल्मों में दिखाया जाता है ।कुरान की आयतों ने ही पूरे मुस्लिम व गैर मुस्लिम समाज को परेशान कर रखा है । मुसलमान और गैर मुसलमान के बीच शत्रुता की खाई को तब तक के लिए खोद दिया है जब तक कि सारे गैर मुसलमान मुसलमान न बन जाएं । समस्या यह है कि कुरान नफरत के बीज फैला रही है और जब यह बीज बढ़कर गोधरा जैसे नरसंहार का कारण बनते हैं तो उसके प्रति नफरत फैलना दूसरे समाज के लिए स्वाभाविक है । परंतु यदि हम जड़ पर कोई प्रहार नहीं करेंगे तो इसी प्रकार के नरसंहार होते ही रहेंगे ।

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