मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

मुसलमान नकली नुत्फे की पैदायश ?

मुसलमान नकली नुत्फे की पैदायश ?

शिक्षा के महत्त्व से कोई भी व्यक्ति इंकार नहीं करता . क्योंकि शिक्षा से मनुष्य विनयशील ,और सभ्य बनता है . ऐसा भी माना जाता है कि जैसे जैसे कोई बालक या व्यक्ति जितनी अधिक शिक्षा प्राप्त करता जाता है ,वैसे ही उसके विचार और चरित्र में बुराइयां दूर होती जाती हैं .और ऐसे व्यक्ति किसी एक देश या जाति के लिए नहीं सम्पूर्ण विश्व की भलाई के लिए ही काम करते है ,
लेकिन यह नियम मूसलामानों पर लागु नहीं होता , क्योंकि ऐसे करोड़ों उदहारण है , कि मुसलमान जितने भी अधिक शिक्षित होते जाते हैं , उतने ही अधिक , उग्र , हिंसक ,अपराधी और आतंकवादी बनाते जाते हैं .इनकी मिसाल उस कार या स्कूटर की तरह है , जिसे जितना भी सुधरवाया जाता है , उतने ही ख़राब हो जाते हैं .और जब जाँच कराई जाती है , तो मैकेनिक कहता है " इनमे तो निर्माण सम्बन्धी दोष है (production defect"और इस कार या स्कूटर को सुधारना असंभव है .इसे तो कबाड़खाने में फेक देना चाहिए .क्योंकि इस कार या स्कूटर को बनाने के लिए जो भी पुर्जे लगाये गए हैं ,वह स्तर हीन ( below standard ) हैं . यही कारण है कि अफजल गुरु , और डेविड हेडली राणा जैसे सभी शिक्षित मसलमान कट्टर आतंकवादी पाए जाते है .क्योंकि इनकी पैदायश में ही खोट ( defect in manufacture ) है ,इस लेख में इसी रहस्य से पर्दा उठाया जा रहा है .और सभी तथ्य कुरान और हदीस से प्रमाणित हैं ,
1-मुसलमानों की फितरत समान है
फितरत अरबी शब्द है ,जिसे "फितरह  فطرة " भी बोला जाता है .हिंदी में इसके अर्थ स्वभाव ' प्रकृति ' या' वृत्ति ' होते हैं .और अंगरेजी में फितरत के अर्थ ‘disposition’nature’instinct’होते हैं .सभी मुसलमानों की फितरत बिलकुल एक जैसी होती है , यह इन हदीसों से साबित होता है ,
"अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने हमें बताया है ,कि जैसे ही मुसलमानों का बच्चा पैदा होता है .अल्लाह उसकी फितरत बना देता है . जो मरते समय तक वैसी ही बनी रहती है .और जिस से यहूदियों , ईसाइयों और मुसलमानों के बीच का फर्क पता चल जाता है "

حَدَّثَنَا زُهَيْرُ بْنُ حَرْبٍ، حَدَّثَنَا جَرِيرٌ، عَنِ الأَعْمَشِ، عَنْ أَبِي صَالِحٍ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم ‏"‏ مَا مِنْ مَوْلُودٍ إِلاَّ يُلِدَ عَلَى الْفِطْرَةِ فَأَبَوَاهُ يُهَوِّدَانِهِ وَيُنَصِّرَانِهِ وَيُشَرِّكَانِهِ ‏"‏ ‏.‏ فَقَالَ رَجُلٌ يَا رَسُولَ اللَّهِ أَرَأَيْتَ لَوْ مَاتَ قَبْلَ ذَلِكَ قَالَ ‏"‏ اللَّهُ أَعْلَمُ بِمَا كَانُوا عَامِلِينَ ‏"‏ ‏.‏

Sahih Muslim, Book 033, Number 6426

"अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने कहा है बिना फितरत के कोई मुस्लिम बच्चा पैदा नहीं होता , चाहे उसके अभिभावक उसे यहूदी , मजूसी , या ईसाई बनाने का प्रयत्न करें .जैसे तुम किसी जानवर के अंग काट दो उसकी फितरत वही रहेगी "
Sahih al-Bukhari, Volume 2, Book 23, Number 441

2-सभी मुसलमान नुत्फे से बने

दुसरे लोगों की तरह मुसलमान भी वीर्य यानि नुत्फे से पैदा हुए हैं , यह कुरान की इस आयत से प्रमाणित है ,

" निश्चय ही हमने मनुष्य को गीली मिट्टी के सत से बनाया ,फिर उसे सुरक्षित करके एक जगह टपकती हुई बूंद नुत्फे के रूप में रख लिया ,फिर उस नुत्फे को लोथड़े का रूप दे दिया .फिर उस लोथड़े को बोटी का रूप दे दिया .फिर् बोटियों से हड्डियां बनायी .फिर उन हड्डियों पर मांस चढ़ा दिया .फिर उसका बिलकुल दूसरा ही रूप देकर खडा कर दिया .तो देखो बरकत वाला अल्लाह ही सबसे उत्तम सृष्टिकर्ता है ." सूरा -अल मोमनीन 23:12 से 15 तक
(इस आयत से साफ पता चलता है कि दुसरे प्राणियों की तरह मुसलमानों का जन्म सबसे पहले वीर्य या नुत्फे से होता है .जो माँ के गर्भाशय में पल बढ़ कर बच्चे के रूप में जन्म लेता है .अर्थात बच्चे के जन्म का महत्त्वपूर्ण और मुख्य आधार " नुत्फा Sperm" ही है )
3-कुरान में वीर्य के नाम

सम्पूर्ण कुरान में वीर्य को 16 बार तीन विभिन्न नामों से उल्लेख किया गया है ,लेकिन कहीं भी वीर्य के "शुक्राणु Sperm" के बारे में कुछ नहीं लिखा है .इस से स्पष्ट होता है कि अल्लाह और उसके रसूल को वीर्य के बारे में तो ज्ञान था ,लेकिन वीर्य में होने वाले " शुक्राणुओं " के बारे में कोई ज्ञान नहीं था .कुरान में वीर्य के तीन नाम इस प्रकार हैं ,
1. -Nutfah" نطفة "कुरान में यह शब्द 12 बार आया है .और इस शब्द का प्रयोग करते हुए कुरान और हदीस में बताया है कि नुत्फे से ही मनुष्य पैदा होता है .नुत्फा शब्द कुरान की जिन सूरा और आयतों मौजूद है ,उनकी सूरा और आयत नंबर इस प्रकार हैं .nutfah: 16:4, 18:37, 22:5, 23:13, 23:14, 35:11, 36:77, 40:67, 53:46, 75:37, 76:2, 80:19.नुत्फा का अर्थ अरबी शब्द कोष में इस प्रकार बताया है , एक द्रव (liquid ) मना जाता है कि इसी से मनुष्य पैदा होता है

2.माअ-Maa" ماء  "कुरान में यह शब्द तीन बार आया है . वैसे इसका अर्थ पानी (water ) होता है . लेकिन कुरान में इसका अभिप्राय पुरुष और स्त्री के वीर्य से लिया गया है .(Water. Sometimes used for semen (male or female). यह शब्द कुरान में इस जगह आया है .(Used in this way in verses 32:8 and 77:20, and 86:6).
3.मनी- Maniyy" مني "यह शब्द कुरान में केवल एक ही बार आया है .और पुरुष या स्त्री के वीर्य (Male or female semen )के लिए प्रयुक्त किया गया है .सभी हदीसों में यह शब्द आयशा द्वारा मुहम्मद के  कपड़ों से वीर्य के धब्बे साफ़ करने के प्रसंग में आया है .( It is frequently used in hadith ,that Aisha used to clean semen off Muhammad’s clothes)यह शब्द कुरान की सूरा अल कियामा 75 की आयत 37 में आया है .
4-वीर्य के चालीस चरण
हदीसों के अनुसार वीर्य की बूंद को बच्चे के रूप में जन्म देने तक चालीस चरण (stages ) पूरा करने पड़ते हैं ,जो इन हदीसों में बताया है ,
"अबू तुफैल ने कहा कि एक बार मैं रसूल के घर गया , वहां अबू शरिया हुजैफा बिन उसैद अल गिफारी भी मौजूद थे। ,और सबके सामने रसूल ने बताया कि जब "नुत्फा " (वीर्य semen ) के माता के गर्भाशय में चालीस चरण ( 40 stages ) पूरे हो जाते हैं , यानि नुत्फा चालीस दिन रात गर्भाशय में पड़ा रहता है , तो एक फ़रिश्ता अन्दर घुस कर नुत्फा को ठीक आकार दे देता है ,और फ़रिश्ता वहीं पर तय कर देता है कि नुत्फा से लड़का बनाया जाए , या लड़की (male or female )"
सही मुस्लिम -किताब 33 हदीस 6394

यही बात कुछ अंतर से दूसरी हदीस में भी बतायी गयी है ,
सही मुस्लिम-किताब 33 हदीस 6395

5-बच्चों में पैतृक समरूपता
इस बात को विज्ञान भी स्वीकार करता है कि संतान पैदा करने में वीर्य यानि ' नुत्फा " का होना जरुरी है ,और उस वीर्य से लड़का होगा ,या लड़की यह ठीक से बताना मुश्किल होता है और होने वाली संतान पिता या माता में किसके समरूप होगी यह इन हदीसों में बताया गया है .जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है .
1.बाप बेटे में समरूपता
"अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने बताया है ,यदि पुरुष किसी स्त्री से सम्भोग करते समय स्त्री से पहले स्खलित होता है तो ,उसका होने वाला बच्चा पिता के अनुरूप होगा . और यदि स्त्री पहले स्खलित होती है , तो बच्चा माता के अनुरूप होता है " सही बुखारी -जिल्द 4 किताब 55 हदीस 546

2.माँ बेटी में समरूपता
"उम्मे सलमाँ ने रसूल से पूछा यदि किसी औरत रात "एहतलामاحتلام-   "यानी स्वप्नदोष(  nocturnal discharge  ) हो जाए , तो क्या उसके लिए गुस्ल (bath ) करना अनिवार्य है , रसूल ने कहा हाँ .यदि किसी औरत रात के समय ( wet-dream ) "एहतलाम احتلام  "हो जाये और उसे पता चले कि उसकी योनि से " माअ Maa" ماء  "( "( वीर्य ) निकल गया ,और वह गुस्ल नहीं करे तो होने वाला बच्चा माता के अनुरूप होगा
.सही बुखारी -जिल्द 4 किताब 55 हदीस 545
हो सकता है कि जिन लोगों को शरीर विज्ञानं या भ्रूण विज्ञानं का पता नहीं है ,या कुरान और अल्लाह की ऐसी बातों पर विश्वास कर लेंगे .लेकिन शरीर में वीर्य कहाँ बनता है ,इसके बारे में कुरान में जो भी बताया है ,उसे पढ़कर अल्लाह और उसके रसूल की मुर्खता पर मुसलमान अपना सिर पीटने लगेंगे ,क्योंकि कुरान में कहा है ,
6--वीर्य कहाँ बनता है
एक साधारण दसवीं कक्षा का विद्यार्थी भी जानता है कि वीर्य और शुक्राणु पुरुष के अंडकोष में तैयार होते हैं , लेकिन कुरान इसे रीढ़ और हंसली की हड्डी में बता रही है , जो इन आयतों दिया है ,
" तो मनुष्य देखे कि वह किस चीज से बना है ,एक उछलते हुए पानी (gushing fluid) से बना है ,जो निकलती है रीढ़ और हंसली के बीच में से (issued from between  loins and ribs)
"يَخْرُجُ مِنْ بَيْنِ الصُّلْبِ وَالتَّرَائِبِ "
issuing from between the loins [of man] and the pelvic arch [of woman]. (86:7)
सूरा -अत तारिक 86:5 से 7 तक
पूरी जानकारी के लिए देखिये ,विडिओ
Quran 86:5-7 Sperm comes from backbone of man & ribs of woman

http://www.youtube.com/watch?v=DtDp7mTnleA

7-वीर्य के बारे में सच्चाई
विकीपीडया में वीर्य के बारे में इस प्रकार लिखा है ,"वीर्य एक जैविक तरल पदार्थ है, जिसे बीजीय या वीर्य तरल भी कहते हैं, जिसमे सामान्यतः शुक्राणु होते हैं. यह जननग्रन्थि (यौन ग्रंथियां) तथा नर अंगों द्वारा स्रावित होता है और मादा अंडाणु को निषेचित कर सकता है.
(Semen, also known as seminal fluid, is an organic fluid that may contain spermatozoa. It is secreted by the gonads (sexual glands) and  sexual organs of male , and can fertilize female ova.

8-निष्कर्ष
इन सभी तथ्यों से यह बातें सिद्ध होती हैं कि ,
1.सभी मुसलमानों का स्वभाव एक जैसा होता है , जिसको सुधारना असंभव है .
2.मुहम्मद को झूठ बोलने और लोगों को अंधविश्वासी बनाने की आदत थी .
3.अल्लाह सर्वज्ञ नहीं , बल्कि महा मूर्ख है , उसे इतना भी ज्ञान नहीं कि वीर्य रीढ़ या हंसली में नहीं बल्कि पुरुष के अण्डकोश ( testicles ) में पैदा होता है .
4.अंतिम और महत्त्वपूर्ण बात यह सिद्ध होती है कि मुसलमान जिस वीर्य से बनते हैं वह नकली है .और बनावटी है .क्योंकि वह गैर मुस्लिमों की तरह अंडकोष से नहीं किसी दूसरी जगह से बनाया जाता है .अर्थात defctive और duplicate है .
यही कारण है कि सभी मुसलमान अपराधी और आतंकवादी होते हैं .इनको सुधारने की जगह नष्ट कर देना ही उचित होगा .

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें