रविवार, 15 दिसंबर 2013

शरीयत के बहाने सेक्सियत की छूट

शरीयत के बहाने सेक्सियत की छूट

इस समय दुनिया में जितने भी मुस्लिम देश हैं ,उनमे अधिकाँश ने अपने यहाँ शरीयत का कानून लागू कर रखा है .चूकी सऊदी अरब इस्लाम का जन्म स्थान है ,इसलिए बाक़ी देश उसका अनुसरण करते हैं .मुसलमान कहते हैं कि शरीयत खुदा का कानून है .और इसमे किसी तरह का संशोधन या बदलाव नहीं हो सकता है .शरीयत के मुताबिक़ बिना शादी के शारीरिक सम्बन्ध बनाना ज़िना अर्थात व्यभिचार माना जाता है .और इसकी सजा रज्म है .यानी पत्थर मार कर जान ले लेना .जादातर औरतें ही इस कानून में फस जाती हैं .क्योंकि उनके लिए शरीयत में तरह तरह के नियम बना रखे हैं .सिर्फ ज़रा सी भूल हो जाने पर भी मौत की सजा या कोड़े की सजा मिल जाती है

लेकिन इतने सख्त कानून होने के बावजूद उलेमा शरीयत में रास्ता निकाल लेते है .कुछ वर्ष पाहिले उलेमाओं ने यही किया था .उस समय सऊदी अरब भी मंदी की चपेट में था .अरब में शादियाँ काफी खर्चीली होती हैं .और रिवाज के मुताबिक़ दूल्हे को दहेज़ देना पड़ता है .जो करोड़ों रियाल होता है .अरब की सरकार ने मंदी से बचने और फालतू खर्च रोकने के लिए एक उपाय किया .और सारे उलेमाओं की राय ली .उलेमाओं ने मिस्यार निकाह को जायज घोषित कर दिया ..और सरकार ने १६ अगस्त २००६ को मिस्यार निकाह करने की अनुमती देदी .

उलेमाओं ने सूरा बकरा २:२३५ का हवाला दिया और मिस्यार निकाह को जायज और हलाल बता दिया .और कहा कि इस्लाम के इब्तदाई दौर में जब मुसलमान जेहादी दुसरे देशों या शहरों में लूट के लिए महीनों तक घरों से दूर रहते थे ,तो वे अपनी सेक्स की प्यास बुझाने के लिए एक प्रकार की टेम्पररी शादी कर लेते थे .जिसे मिस्यार निकाह कहा जाता था.धीमे धीमे मिस्यार का रिवाज ख़त्म हो गया ,लेकिन अरब सरकार के कहने पर उलेमाओं ने इसे फिर से चालू कर दिया .मिस्यार का पूरा विवरण इस प्रकार है -

१-मिस्यार एक प्रकार का कोंट्राक्टहै.जिसमे पुरुष और महिला जब चाहें सेक्स कर सकते हैं .

२-मिस्यार में जरूरी नहीं है कि पुरुष और महिला एक ही घर या शहर में रहें ,वे आते जाते रह सकते हैं .

३-मिस्यार में तलाक देने पर मेहर नही देना पड़ता है.

४-मिस्यार में चार पत्नियों से जादा पत्नियां रखने की पाबंदी नहींहै .

५- मिस्यार में पति की पत्नी के प्रती कोई जिमीदारी नहीं होगी .

६- तलाक देने पर इद्दत का पालन जरूरी नहीं होगा

७- मिस्यार में किसी तरह का लिखित इकरार नहीं होता है .

८- यदि पुरुष चाहे तो मिस्यार निकाह के वक्त औरत को खुछ धन दे सकता है .और बीच बीच में भी खर्चा दे सकता है

औरतें भी मिस्यार निकाह कर सकती है .लेकिन पैसा न होने के कारण मर्द ही मिस्यार कर रहे है .दुनिया भर में ऎसीहजारों साइटें खुल गयी है जिन में मिस्यार के विज्ञापन दिए जाते हैं.गरीब मुस्लिम देश जैसे बंगला देश ,भारत के कई जिलों में दलाल घूमते रहते हैं .जो गरीब मुस्लिम माँ बाप को बहका कर अरब भेज रहे हैं .और रुपया कमा रहे हैं .

मुस्लिम लड़किओं को सावधान रहने की जरूरत है .कहीं उनके ही रिश्तेदार उमरा के बहाने या नौकरी के बहाने मिस्यार न करवा दें.

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